बिहार सरकार ने बाहर फंसे राज्य के कामगारों, श्रद्धलुओं, पर्यटकों और छात्रों को लाने के लिए 31 राज्य / केन्द्र शासित प्रदेशों में अपने नोडल अधिकारी तैनात कर दिए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग ने 19 वरीय अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में राज्यों का जिम्मा सौंपा है। ये सभी अधिकारी अपने संबंधित राज्यों में जाकर वहां के अधिकारी के संपर्क से फंसे बिहार के लोगों की जानकारी लेंगे। पूरी सूचना वह आपदा प्रबंधन को देंगे और विभाग उनके लाने की व्यवस्था करेगा। दूसरे राज्य से निकलने के पहले अप्रवासी बिहारियों के स्वास्थ्य की जांच की जिम्मेवारी संबंधित राज्य की होगी। स्वस्थ्य होने पर ही उनको अपने राज्य में जाने की इजाजत मिलेगी। आने वाले समूह या ब्यक्ति से उसकी सहमति पहले ही ले ली जाएगी कि वह सड़क मार्ग से अपने राज्य में जाने को तैयार हैं। यहां पहुंचने के बाद भी जिला स्तर पर उनकी जांच होगी।
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव इस पूरे अभियान के राज्य नोडल अधिकारी के रूप में काम करेंगे। परिवहन विभाग के सचिव, स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव अनिल कुमार और विधि व्यवव्स्था के एडीजी कामगारों और छात्रों सहित दूसरे राज्य में फंसे अन्य लोगों को लाने के लिए व्यवस्था करेंगे। यही अधिकारी उनके स्वस्थ्य जांच और स्क्रनिंग की भी व्यवस्था करने में जिला प्रशासन की मदद करेंगे। जरूरी पुलिस बल की व्यवस्था भी की जाएगी।विभाग ने नोडल अधिकारियों की जो सूची जारी की है, उसके अनुसार दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के लिए पलका सहनी और शैलेंद्र कुमार, जम्मू कश्मीर, लद्दाख के लिए शैलेंद्र कुमार, पंजाब के लिए मानवजीत सिंह ढिल्लो, हरियाणा के लिए दिवेश सेहरा, राजस्थान के लिए प्रेम सिंह मीणा, गुजरात के लिए बी कार्तिकेय, उत्तराखंड के लिए विनोद सिंह गुंजियाल और उत्तर प्रदेश के लिए विनोद सिंह गुंजीयाल व अनिमेश परासर को नोडल अफसर के रूप में नियुक्त किया गया है।
अन्य राज्यों में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लिए राम चंद्रडूडू, तमिलनाडु और पुडुचेरी के लिए के सेंथिल कुमार, कर्नाटक के लिए प्रतिमा एस वर्मा, महाराष्ट्र और गोवा के लिए आदेश तितरमारे, केरला के लिए सफीना एन, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए मयंक बरवाड़े, उड़ीसा के लिए अनिरुद्ध कुमार, झारखंड के लिए चंद्रशेखर , पश्चिम बंगाल के लिए आईपीएस अफसर किम को नोडल अफसर के रूप में नियुक्त किया गया है। इसके आलावा असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम, अरुणाचल और सिक्किम के लिए आनंद शर्मा को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
बाहर से आने वालों के लिए एक हजार भवन चिह्नित
राज्य में बाहर से आने वाले अप्रवासी बिहारियों को ठहराने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने अब तक एक हजार भवनों को चिह्नित किया है। इन भवनों को क्वारंटीन सेन्टर के रूप में बदला जाएगा। विभाग के ओएसडी संजय कुमार ने बताया कि बाहर से आने वाले सभी लोगों की जांच सीमा पर की जाएगी। उसके बाद उन्हें जिला मुख्यालय ले जाया जाएगा। वहां से स्थानीय जिला प्रशासन के सहयोग से उन्हें अपने गृह प्रखंड में ले जाकर कोराइंटाइन किया जाएगा। हर जगह उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी। वहां उन केन्द्रों में लोगों 14 दिन तक रखने की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि अब तक राज्य और बाहर बने राहत केन्द्रों में राहत के लिए एक लाख 36 हजार लोगों ने कॉल किया है। बाहर रहने वाले 28.29 लाख लोगों ने अबतक अपना निबंधन राहत में दिये जाने वाली राशि के लिए कराया है। इन निबंधित लोगों में लगभग 26 लाख का सत्यापन किया जा चुका है और लगभग 15 लाख लोगों के खाते में एक हजार रुपये दिये जा चुके हैं।