शुक्ल पंचमी के दिन नेपाल में ऋषि पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को नेपाली महिलाएं धूमधाम से मनाती है। हालांकि इसमें पुरूष हिस्सा नहीं लेते। महिलाएं 365 दातुन से दांतों को साफ कर गाय का गोबर, मिट्टी आदि से इस पूजन की शुरुआत आसपास के नदी, पोखरी, कुंवा आदि पर करती हैं।
जानकारी के मुताबिक, शुक्ल पंचमी के दिन नेपाल में हिंदुओं का बड़ा पर्व मनाया जाता है। रविवार के दिन नेपाल की महिलाओं ने इस पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाया। महिलाएं आसपास के नदी, तालाब में स्नान कर इसकी शुरुआत कीं। इस पर्व पर महिलाएं अरुंधती व सप्त ऋषि की पूजा अर्चना करती हैं।
नेपाल पंचांग निर्णायक समिति के अध्यक्ष एवं धर्म शास्त्रविद ने बताया कि हरितालिका (तीज) की तरह इस पर्व में पुरुष हिस्सा नहीं लेते। उनका कहना है कि इस पूजा में महिलाएं अरुंधति सहित अत्रि, गौतम, भारद्वाज, जमदग्नि, वशिष्ठ, कश्यप व विश्वामित्र की पूजा अर्चना करती हैं।
उन्होंने बताया कि मुक्ति पाने के लिए इस प्रकार का पूजा किया जाता है, ऐसा धार्मिक विश्वास है। वहीं कोरोना महामारी के कारण ऋषि पंचमी के दिन रविवार को बागमती के किनारे स्नान व भीड़भाड़ पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
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