जीवितपुत्रिका व्रत का काफी महत्व है
Jivitputrika Vrat 2019: जितिया या जिउतिया या जीवित्पुत्रिका व्रत का काफी महत्व है. ये व्रत तीन दिन तक किया जाता है.
जितिया व्रत
हर साल ये व्रत अश्विन माह के कृष्णपक्ष की सप्तमी से लेकर नवमी तिथि तक मनाया जाता है. पहले दिन नहाय खाय, दूसरे दिन निर्जला व्रत और तीसरे दिन पारण किया जाता है.
महत्व
यह व्रत संतान की लंबी आयु, सुखी और निरोग जीवन के लिए किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि जिउतिया के दिन व्रत कथा सुनने वाली व्रती को जीवन में कभी संतान वियोग नहीं होता. संतान के सुखी और स्वस्थ्य जीवन के लिए यह व्रत रखा जाता है.
कब है जितिया व्रत
इस साल जितिया व्रत 22 सितंबर, रविवार को है.
पूजन विधि
1. जितिया के दिन महिलाएं स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करती हैं और जीमूतवाहन की पूजा करती हैं.
2. पूजा के लिए जीमूतवाहन की कुशा से निर्मित प्रतिमा को धूप-दीप, चावल, पुष्प आदि अर्पित करती हैं.
3. मिट्टी तथा गाय के गोबर से चील व सियारिन की मूर्ति बनाई जाती है.
4. फिर इनके माथे पर लाल सिंदूर का टीका लगाया जाता है.