8. नवरात्रि में देवी मां का आठवां (अष्टमी) रूप : मां महागौरी, दुर्गा महा अष्टमी...
दिन : 6 अक्टूबर 2019, (रविवार - sunday )
मां का स्वरूप : मां की वर्ण पूर्णत: गौरवर्ण है। इनके गौरता की उपमा शंख, चन्द्र और कुन्द के फूल से दी जाती है। आठ वर्षीय महागौरी के समस्त वस्त्र तथा आभूषण आदि भी श्वेत हैं। इनकी चार भुजाएं है तथा वाहन वृषभ (बैल) है। मां की मुद्रा अत्यन्त शांत है और ये अपने हाथों में डमरू, त्रिशूल धारण किए वर मुद्रा और अभय-मुद्रा धारिणी है।
मां की पूजा विधि : इनकी पूजा करने के लिए भक्त को नवरात्रा के आठवें दिन मां की प्रतिमा अथवा चित्र लेकर उसे लकड़ी की चौकी पर विराजमान करना चाहिए।
इसके पश्चात पंचोपचार कर पुष्पमाला अर्पण कर देसी घी का दीपक तथा धूपबत्ती जलानी चाहिए। मां के आगे प्रसाद निवेदन करने के बाद साधक अपने मन को महागौरी के ध्यान में लीन कर निम्न मंत्र का कम से कम 108 बार जप करना चाहिए: ॐ ऎं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ॐ महागौरी देव्यै नम:।।
मां का भोग : प्रसाद दूध का ही होना चाहिए।
मंत्र -श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
आशीर्वाद : इस मंत्र से मां अत्यन्त प्रसन्न होती है तथा भक्त की समस्त इच्छाएं पूर्ण करती हैं।
9. नवरात्रि में देवी मां का नौवां (नवमी) रूप : (सोमवार) – मां सिद्धिदात्री...
दिन : 7 अक्टूबर 2019
मां का स्वरूप : मां सिद्धिदात्री कमल के फूल पर विराजमान हैं और उनकी चार भुजाएँ हैं। मां सिद्धिदात्री की सवारी सिंह हैं। देवी ने सिद्धिदात्री का यह रूप भक्तों पर अनुकम्पा बरसाने के लिए धारण किया है। देवता, ऋषि-मुनि, असुर, नाग, मनुष्य सभी मां के भक्त हैं।
मां की पूजा विधि : सबसे पहले मां सिद्धिदात्री के समक्ष दीपक जलाएं। अब मां को लाल रंग के नौ फूल अर्पित करें। कमल का फूल हो तो बेहतर है। इन फूलों को लाल रंग के वस्त्र में लपेटकर रखना चाहिए। इसके बाद माता को नौ तरह के खाद्य पदार्थ चढ़ाएं। अपने आसपास के लोगों में प्रसाद बांटे। साथ ही गरीबों को भोजन कराएं। इसके बाद स्वयं भोजन ग्रहण कर लें।
मां का भोग : विभिन्न प्रकार के अनाजों का भोग लगाएं।
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
: “ॐ सिद्धिदात्री देव्यै नमः”।।
आशीर्वाद : हर प्रकार की सिद्धि प्रदान करतीं हैं।
वहीं इसके अगले दिन दशमी मनाई जाती है। इस दिन देवी मां की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है।
I am owner of this website. I Love blogging and Enjoy to listening old song.
.... Enjoy this Author Blog/Website visit http://twitter.com/educratsweb
if you have any information regarding Job, Study Material or any other information related to career. you can Post your article on our website. Click here to Register & Share your contents.
For Advertisment or any query email us at educratsweb@gmail.com
RELATED POST
1. श्री रावण कृतं सम्पूर्ण शिव तांडव स्तोत्र “श्री रावण कृतं सम्पूर्ण शिव तांडव स्तोत्र”
"शिव ताण्डव स्तोत्र की महिमा"
हर किसी के मन में एक ख्याल हमेशा आता है कि; क्या कोई ऐसा मंत्र है जो आपको सारा वैभव और सिद्ध
2. आरती के बाद क्यों बोलते हैं कर्पूरगौरं मंत्र आरती के बाद क्यों बोलते हैं कर्पूरगौरं मंत्र
किसी भी मंदिर में या अपने घर में जब भी पूजन कर्म होते हैं तो वहां कुछ मंत्रों का जप अ
6. बरसाने के एक संत की कथा बरसाने के एक संत की कथा
एक संत बरसाना में रहते थे और हर रोज सुबह उठकर यमुना जी में स्नान करके राधा जी के
7. पूजा के नियम : सामान्य पूजन विधि पूजा के नियम : सामान्य पूजन विधि
इस पेज में मैंने पूजन करने की सामान्य विधि का वर्णन किया है. ये परम पूज्य रामकृष्ण परमहंस द्वारा प्रतिपादित तांत्रिक पद्धति है. राम कृष्ण मिशन में इसी पद्धत
8. शाबर मंत्रों से पल भर में सिद्ध होते हैं हर काम
शाबर मंत्रों से पल भर में सिद्ध होते हैं हर काम
अचूक एवं स्वयंसिद्ध मंत्र
शाबर मंत्र आम ग्रामीण बोलचाल की भाषा में ऐसे स्वयंसिद्ध मंत्र हैं जिनका प्रभाव अचूक होता है।
11. अग्रसेन महाराज की जीवन गाथा 'जाने भगवान श्री अग्रसेन जी का ऐतिहासिक इतिहास''
धार्मिक मान्यतानुसार इनका जन्म मर्यादा पुरुषोतम भगवान श्रीराम की चौंतीसवी पीढ़ी में सूर्यवशीं क्षत्रिय कुल के महाराजा वल्लभ सेन के घर म
13. शाबर मंत्र साधना के नियम | साधना में सफल होने के लिए आवश्यक नियम शाबर मंत्र साधना , वैदिक मंत्र साधना की तुलना में थोड़ी आसान होती है किन्तु इसका अभिप्राय यह नहीं कि शाबर मंत्र से जुड़े नियमों को ध्यान में न रखते हुए साधना में सफल होने के प्रयास किये जाये | किसी भी
14. गायत्री मंत्र क्यों और कब ज़रूरी है *गायत्री मंत्र क्यों और कब ज़रूरी है*
*☀सुबह उठते वक़्त 8 बार ❕✋✌👆❕अष्ट कर्मों को जीतने के लिए !!*
*🍚🍜 भोजन के समय 1 बार❕👆❕ अमृत समान भोजन प्राप्त होने के लिए !!*
*🚶 बाहर जाते समय 3 बार ❕
15. हनुमान चालीसा | Hanuman Chalisa in Hindi हनुमान जी सम्पूर्ण भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय देव हैं। शायद ही कोई गांव हो जहाँ हनुमान जी का मंदिर न हो। उनकी युवाओं में महती लोकप्रियता उनके बल, बुद्धि और विद्या के निधान होने से है और वे इन सब के
20. जय मां वैष्णो देवी जी जय मां वैष्णो देवी जी
जय भैरों बाबा जी
आप सभी भक्तजनों को "नवरात्री" के महापर्व की कोटि कोटि शुभकामनाए ।
मां वैष्णो देवी आप सभी की मनोकामनाए
24. हिंगलाज माता मन्दिर, पाकिस्तान हिंगलाज माता मन्दिर, पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त के हिंगलाज में हिंगोल नदी के तट पर स्थित एक हिन्दू मन्दिर है। यह हिन्दू देवी सती को समर्पित इक्यावन शक्तिपीठों में से एक है। यहाँ इस द